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पराक्रम्यलिखतअधिनियम, 1881
(Negotiable Instruments Act, 1881)
(धारा 420 भारतीयदण्डसंहिता, 1860) औरधारा 138 पराक्रम्यलिखतअधिनियम, 1881
(संशोधित, 1988 व 2002 केअन्तर्गत (शिकायत) दावा
(Complaint u/sec. 420 of the IPC and Sec. 138 of the N.I. Act, 1881
(As Amended by Act, 1988 &2002)
न्यायालय………..
शिकायतीवादनंबर ………… सन् ……
अ०ब०स० ………… शिकायतकर्ता
बनाम
स०द०फ० ………… अभियुक्त
श्रीमानजी,
उपरोक्तशिकायतकर्तानिम्नप्रकारसविनयनिवेदनकरताहै :
- यहकिशिकायतकर्ताएकपब्लिकलिमिटेडकम्पनीहैजोकम्पनीजएक्ट, 1956 केअन्तर्गतपंजीकृतहैजिसकाप्रमाण-पत्रनंबर ………… दिनांक ………… हैजोकिनिबंधककम्पनीजदिल्लीऔरहरियाणा, नईदिल्लीद्वारानिर्गतहैजिसकापंजीकृतकार्यालयनईदिल्लीमेंस्थित हैं।
- यहकिअभियुक्तएकपार्टनरशिपफर्महैजिसकाकार्यालय ………… परहैऔरश्री ……… औरश्री ………… इसकेपार्टनरहैंजोफर्मकेकामकाजकोचलातेहैं।
- यहकिअभियुक्तनंबर 2 शिकायतकर्ताकम्पनीकेनईदिल्लीस्थितकार्यालयमेंआया औरगलतब्यानीकरतेहुएकहाकिवेदक्षिणकेबाजारोंकीस्थितिसेअच्छीप्रकारसेपरिचितहऔरविशेषरूपसेमद्रासकेबाजारोंसेऔरउनकेपर्याप्तसम्बन्धहैंऔरवेवहाँपर्याप्तव्यवसायआरसाखजमासकतेहैंऔरइसप्रकारसेशिकायतकर्ताकम्पनीकोअपनेउत्पादनकीसप्लाईमासमेंउनकीफर्मकोविक्रयहेतदेनेकेलिएप्रेरितकिया।शिकायतकर्ताकम्पनीद्वाराअभियुक्त H०.2 केकहेअनुसारविश्वासकरकेऔरउसेसचजानकरवास्तविकरूपसेअभियुक्तफर्मकोपनउत्पादनकीपूर्तिकरनेकेलिएसहमतहोगई।अभियुक्तनंबर 2 द्वाराहस्ताक्षरित 15 चैकदेहली कम्पनीकेकार्यालयमेंहस्तगतकियेगयेऔरयहविश्वासदिलायागयाकिप्रस्तुतजानेपरउनकाभुगतानमिलजायेगाऔरइसप्रकारसेशिकायतकर्ताकम्पनीकोअपनेदनकापूर्तिअभियुक्तकोकरनेकेलिएप्रेरितकिया।उपरोक्तचैकोंकाविवरणनिम्नप्रकारदियागयाहै।
चैकनंबर | बैंक | दिनांक | धनराशि |
- यहकिआरोपीफर्मकोएकडीलरकेरूपमेंकम्पनीकेउत्पादनकीबिक्रीऔरविवरणहेतुमद्रासकेलिएनियुक्तकियागया।अभियुक्तगणंसं० 2 व 3 फर्मवफर्मकेव्यापारकेसंचालनकेलिएप्रभारीवउत्तरदाईथे।
- यहकिशिकायतकर्ताकम्पनीद्वाराअपनीविभिन्नउत्पादनोंकीआपूर्तिमद्रासमेंविक्रयहेतुकरनाप्रारम्भकरदिया।
- यहकिशिकायतकर्ताकम्पनीद्वाराअभियुक्तकेसाथहोनेवालेलेनदेनकाचालूखातारखनाप्रारम्भकरदियागयाथाअभियुक्तकोकीगईसप्लाईकोफर्मकेनामअंकितकरदियाजाताथाऔरआरोपीफर्मसेप्राप्तधनउसकेखातेमेंजमाकरदियाजाताथा।
- यहकिअभियुक्तनंबर 2 और 3 आरोपीफर्मकेपार्टनरहैंऔरवेहीफर्मकेव्यापारकाप्रबन्धकररहेहैं।उपरोक्तचैकोंकोअभियुक्तनंबर 2 द्वाराहस्ताक्षरकरकेशिकायतकर्ताकम्पनीकेनईदिल्लीकार्यालयमेंहस्तगतकियागयाथाजोकिआरोपीफर्मकोकीगईआपूर्तिकेभुगतानकेरूपमेंथा।
- यहकिशिकायतकर्ताकाकहनाहैकिउक्तचैकोकोशिकायतकर्ताकम्पनीकेबैंककेमाध्यमसेदिनांक ………… कोभुगतानकोवास्तेप्रस्तुतकियागयातोआरोपीफर्मकेबैंकरद्वाराउपरोक्तविवरणानुसारअंकनरु० ………… केचैकोंकोबिनाभुगतानकियेवापसदिनांक ………… कोकरदियागयाऔरयह (प्रबन्धसेअधिकहै) excecds arrangement’ कीटिप्पणीलगाईगई।अनादरितचैकोंकीसत्यप्रतियाँएकजारीकरकेसंलग्नक A परइसवादपत्रकेसाथसंलग्नकीगईहैंसाथहीबैंककामीमोभीनत्थीकियाजारहाहै।
- यहकिअभियुक्तफर्मकेबैंकद्वाराअनावृतचैकोंकोप्राप्तकरनेकेउपरान्तशिकायतकर्ताकम्पनीद्वारातत्कालअभियुक्तनंबर 2 और 3 कोफर्मकेपार्टनरोंकोसूचितकियागया।पुन: अभियुक्तनंबर 2 दिल्लीआयाऔरशिकायतकर्ताकम्पनीकेप्रबन्धनिदेशकसेमिलाऔरविश्वासदिलायाकिचन्ददिनोंमेंहीअनावृतचैकोंकाभुगतानकरदियाजायेगा।
- यहकिशिकायतकर्ताकम्पनीकोअभियुक्तद्वाराविश्वासदिलायेजानेकेबावजूदअभियुक्तोंद्वाराशिकायतकर्ताकम्पनीकोअनादरितचैकोंकाभगतानकरनेकेलिएकोईकार्यवाहानहीकीगई।
- यहकिशिकायतकर्ताकम्पनीद्वाराअभियुक्तकेबैंकरसेदिनांक ………… कोसूचनाप्राप्तहोनेकेअनुसरणमेऔरअनादृतचैकोंकाअभियुक्तद्वाराभुगतानविश्वासदियेजानकेउपरान्तभी, नाकरनेकेकारणदिनांक………… कोपंजीकृत A/D नोटिसअकनरु० ………… काभुगतानकरनेकीमाँगकरतेहएतथा 30% वार्षिकब्याजकेसाथभगतानकरतहेतदियागयाजोसंलग्नक ‘B’ परनोटिसकीफोटोकापीसंलग्नककीगईहै।बैंककापरअनादरहोनेकीसूचनाके 30 दिनकेअन्दरहीनोटिसदेदियागयाथा।
- यहकिआरोपीफर्मद्वारादिनांक …………कोउपरोक्तनोटिसप्राप्तकियागयाजोकिडाकखानकीरसीदऔर AD कीफोटोकापीसंलग्नक .परनत्थीकीगईहै।शिकायतकम्पनीद्वारादिनांक …………. कोआरोपीफर्मकोएकटेलेक्समैसेजभीभेजागयाजिउपराक्तचेकोंकीवापसीऔरभगतानकेलिएअनरोधकियागयाथा।उपरोक्तटेलक्सकाकापीसंलग्लनक D परनत्थीकीगईहै।
- यहकिअभियुक्तद्वाराझूठाकथनकरकेशिकायतकर्ताकम्पनीकोयकीनदिलायागयाऔरउसेअन्यमालकीआपूर्तिकरनेकेलिएप्रेरितकियागया।इसलिएइससेयहप्रकटहोताहैकिअभियुक्तप्रारम्भसेहीबेईमानीकीनीयतरखताथाताकिशिकायतकर्ताकम्पनीकोधोखादेसकेऔरस्वयंगैरकानूनीरूपसेलाभउठानेऔरशिकायतकर्ताकम्पनीकोगैरकानूनीरूपसेहानिपहंचानेकेद्वाराधारा 420 IPC केअन्तर्गतअपराधकारितकरनेकादोषीहै।नोटिसप्राप्तकरनेके 15 दिवसमेंअभियुक्तगणनेभुगताननहींकिया-इसप्रकारअभियुक्तगणनेधारा 138 पलि०अधिनियम, 1881 काअपराधकियाअपराधकरनेकेदिनांककोभीअभियुक्तगणसं02 व 3 अभियुक्तसं० 1 वउसकेव्यापारकेसंचालनहेतुप्रभारीवउत्तरदाईथे।
- यहकिसविनयनिवेदनहैकिसम्पूर्णवादहेतुकदेहलीमेंउत्पन्नहुआचूँकिअभियुक्तशिकायतकर्ताकम्पनीकेकार्यालयदिल्लीमेंपहुँचाऔरचैकोंपरहस्ताक्षरकरकेदिल्लीमेंहीहस्तगतकियेगयेऔरशिकायतकर्ताकम्पनीकोदिल्लीमेंहीमालकीआपूर्तिकरनेहेतुप्रेरितकियागयाऔरधनकाभुगतानदिल्लीमेंहीकरनेकावायदाकियाऔरइसप्रकारसेवादहेतुदिल्लीमेंहीउत्पन्नहुआ।इसमान्यन्यायालयकोइसप्रकारसेअपराधकासंज्ञानलेनेकाक्षेत्राधिकारप्राप्तहै।
- यहकिअभियुक्तगणद्वाराधारा 420 IPC औरधारा 138 NIA केअन्तर्गतदण्डनीयअपराधकियागयाहै।कारणउत्पन्नहोनेके 30 दिनकेअन्दर/………… अपरिहार्यकारणोंसे ………… दिनकेक्षम्ययोग्यविलम्बसेपरिवादयोजितकियाजारहाहै।
इसलिएसविनयनिवेदनहैकिअभियुक्तोंकोधारा 420 2PC औरधारा 138 NIA केअन्तर्गतसुनवाईहेतुकानूनकेअनुसारतलबकरकेदण्डितकियाजावेऔरधारा 357 CrPC केतहतऔर 117 NIA केअन्तर्गतअर्थदण्डसेदण्डितकरतेहुएनिम्नप्रकारभुगतानकरनेहेतुआदेशपारितकरनेकीकृपाकीजाये।
- चैककीधनराशि – रु० 4,96.053-00
- बैकसर्विसचार्जेज – रु० 2000-00
- नोटिसचार्जेज – रु० 1100-00
- एडवोकेटकामेहनताना – रु० 5000-00
5,04,153-00
Plus Inst. @ 30% till payment
स्थान-नईदिल्ली
दिनांक……………..
शिकायतकर्ता…………..
जरिये अधिवक्ता