आदेश 21, नियम 26 के अंतर्गत प्रार्थना-पत्र order-21 rule-26 cpc drafting in Hindi
वकीलों के लिए: सिविल प्रक्रिया संहिता के अध्याधेय 21, नियम 26 के तहत प्रार्थना-पत्र लेखन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो न्यायिक दबाव में एक पक्ष के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इस आलेख में, हम इस प्रक्रिया के महत्व और एक उदाहरण के रूप में एक प्रार्थना-पत्र की ड्राफ्टिंग प्रस्तुत करेंगे-
आदेश 21नियम 26 सिविलप्रक्रियासंहिताकेअन्तर्गतप्रार्थना–पत्र
(Application under order 21, Rule 26 CPC)
न्यायालय …………
निष्पादनवादसं० ………… सन् ………
(वादनंबर ………… सन् …………)
अ०ब०स० ………… वादी
बनाम
स०द०फ० ………… प्रतिवादी
श्रीमानजी, प्रार्थी/डिक्रीदेनदारसविनयनिम्ननिवेदनकरताहै :
- यह कि इस मान्य न्यायालय द्वारा कब्जे के वाद में दिनाँक ………… को डिक्री पारित की गई है जिसका मूल वाद सं० ………… सन् ………… है।
- यह कि इस न्यायालय की डिक्री और निर्णय के विरुद्ध उपरोक्त वाद में प्रार्थी द्वारा मान्य ……….. न्यायालय में अपील दायर, कीगईहै/करनाचाहताहै।
- यह कि इस मान्य न्यायालय की डिक्री के डिक्रीधारक द्वारा डिक्री इजराय कराने की कायवाही आरम्भ कर दी गई है। मकान/दुकान/भूमि परवादी के कब्जा होने से डिक्री देनदार के अधिकार/हित प्रभावति हो जायेंगे।
- यह कि न्याय हित में यह आवश्यक है कि उक्त डिक्री की इजराय की कार्यवाही को ……….. दिन के लिए स्थगित कर दिया जाये ताकि डिक्रीदेनदार अपीलेट न्यायालय में उक्त इजराय के विरुद्ध स्थगन आदेश प्राप्त कर सके।
अतः प्रार्थना है कि अपीलीय न्यायालय से निष्पादन कार्यवाही के विरूद्ध स्थगन आदेश लाने निष्पादन वाद कीकार्यवाही …………. दिन के लिए स्थगित करने की कृपा करें !
स्थान ………… दिनांक……. प्राथीं/डिक्रीदेनदार..…
द्वाराअधिवक्ता …………
नोट – प्रार्थना-पत्र की पुष्टि में शपथ-पत्र दायर करना है।
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